सिर्फ राजनीतिक व्यक्तित्व ही नहीं, सच्चे समाज सेवक भी थे स्व. श्री अर्जुन सिंह


भोपाल मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने मिंटो हॉल में अर्जुन सिंह सद्भावना फाउंडेशन कार्यक्रम में स्वर्गीय श्री अर्जुन सिंह के जीवन पर आधारित लघु फिल्म का शुभारंभ करते हुए कहा कि श्री अर्जुन सिंह केवल एक राजनीतिक व्यक्तित्व ही नहीं बल्कि एक सच्चे समाज सेवक भी थे। उन्होंने कहा कि अर्जुन सिंह जी की प्रेरणा से ही वे चुनावी राजनीति में आए और छिंदवाड़ा से पहला लोकसभा चुनाव लड़ा। इस मौके पर जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह एवं पूर्व राज्यपाल श्री अजीज कुरैशी उपस्थित थे।
 मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने अर्जुन सिंह जी से जुड़ी स्मृतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि 1977 से 1980 के बीच श्री अर्जुन सिंह से उनकी नजदीकी तब बढ़ी, जब वे युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री और महाराष्ट्र के प्रभारी थे। उन्होंने बताया कि सौंसर में एक बड़ा आंदोलन किया था, जिसमें श्री अर्जुन सिंह जी भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1984 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद वे पुन: मुख्यमंत्री बने। उसके बाद पंजाब के राज्यपाल बनने तक वे घटनाक्रम के साक्षी रहे। 
 मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वे पंजाब के राज्यपाल बने, तब वहाँ आतंकवाद चरम पर था। तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी को उन पर पूरा विश्वास था कि श्री अर्जुन सिंह कोई न कोई समाधान इस समस्या का निकालेंगे। उन्होंने कहा कि श्री अर्जुन सिंह जी उनके विश्वास पर खरे उतरे और उन्होंने ऐतिहासिक लोंगोवाल समझौते के जरिए पंजाब में शांति स्थापित की। मुख्यमंत्री ने बताया कि श्री अर्जुन सिंह की एक अलग कार्यशैली थी। जब वे केन्द्र में मंत्री बने, तो उनके निवास के पड़ौस में ही मेरा निवास था और दोनों के बीच एक गेट था, जिससे मेरा वहाँ आना-जाना निरंतर बना रहता था। उन्होंने बताया कि उनके घर में गाय थी, लेकिन उसके दूध और घी का फायदा उन्हें मिलता था।
 मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों को लघु वन उपज का फायदा आज अगर मिल रहा है, तो उसका पूरा श्रेय  श्री अर्जुन सिंह को जाता है। वे सर्वहारा वर्ग के लिए हमेशा चिंतित रहते थे और उन्हें जब भी मौका मिला उन्होंने इस वर्ग के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अगर  अर्जुन सिंह जी जीवित होते, तो मेरे मुख्यमंत्री बनने की सबसे ज्यादा खुशी उन्हें होती।  मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कहा कि जटिल से जटिल समस्याओं को सुलझाने का कौशल श्री अर्जुन सिंह में था। वे अपनी बात को सार्थक, सटीक और कम शब्दों में कहने में माहिर थे और राजनीति में हमारे प्रेरणा स्रोत भी रहे। 
 अर्जुन सिंह सद्भावना फाउंडेशन की चेयरमेन श्रीमती वीणा सिंह ने कहा कि श्री अर्जुन सिंह जी भारत की विभिन्नता में एकता और धर्मनिरपेक्षता के प्रबल समर्थक थे। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। गरीबों और पिछड़ों के कल्याण के प्रति समर्पित थे। उन्होंने कहा कि वे धैर्यवान, गंभीर, सरल स्वभाव के साथ ही विपरीत परिस्थितियों में कभी विचलित नहीं हुए। वे एक दूरदर्शी नेता थे। 
 स्वर्गीय श्री अर्जुन सिंह जी के जीवन पर बनी लघु फिल्म में देश के शीर्षस्थ राजनीतिज्ञों और पत्रकारों के विचारों के साथ ही उनके कृतित्व को रेखांकित किया गया है। इस फिल्म का निर्देशन श्रीमती लवलीन थधानी ने किया एवं संगीत सुप्रसिद्ध सरोद-वादक, पद्मश्री उस्ताद अमजद अली खाँ ने दिया है।