भोपाल प्रदेश में शिशु और मातृ मृत्यु दर न्यूनतम करना ही सरकार का लक्ष्य है। यह लक्ष्य जिस दिन पूरा होगा, वह दिन हमारे लिये सबसे अच्छा होगा। नगरीय विकास और आवास मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह ने 'राईट टू हेल्थ कॉन्क्लेव' में 'क्लाइमेट चेंज, पॉपुलेशन, अर्वनाइजेशन एण्ड हेल्थ' सत्र में चर्चा में यह बात कही।
नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह ने कहा कि हम शहरों में स्वच्छता पर ज्यादा जोर दे रहे हैं, जिससे गंदगी से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके। स्वच्छता के लिये सभी शहरों में इंदौर मॉडल पर कार्य किया जा रहा है। नागरिकों में स्वच्छता के प्रति व्यवहारिक परिवर्तन लाने के प्रयास किये जा रहे है। घर में ही गीला और सूखा कचरा अलग करने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुराने भोपाल में छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर में किये गये कार्यो के अनुसार स्वच्छता अभियान चलाया जायेगा।
श्री सिंह ने कहा कि शहरों को पॉल्यूशन फ्री करने के प्रयास किये जा रहे है। जल जनित बीमारियों से बचाव के लिये नगरों की जल संरचनाओं को साफ करवाया जा रहा है। घर-घर नल के माध्यम से पानी उपलब्ध करवाने की योजना है। सीवरेज सिस्टम को ठीक किया जा रहा है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाये जा रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री के साथ संभाग स्तर पर करेंगे समीक्षा
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह ने कहा कि शहर के अस्पतालों में पानी और स्वच्छता की व्यवस्था संबंधित नगरीय निकाय करेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट के साथ संभाग स्तर पर इसकी समीक्षा भी करेंगे। श्री सिंह ने श्रोताओं की शंकाओं का समाधान भी किया।
सत्र में यूनीसेफ के स्टेट हेड श्री माइकल जुमा ने कहा कि प्रदेश के बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देंगे। मातृ मृत्यु दर को कम करने के प्रयासों में सहयोग करेंगे। टैरी की सीनियर फैलो डॉ. मीना सहगल ने कहा कि शहरों में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयास में सहभागिता करेंगे। इस दौरान अन्य सदस्यों ने भी विचार व्यक्त किये।